जानिए बैसाखी के बारे में
पूरी दुनिया में १३ अप्रैल को बैसाखी(Baisakhi) का त्यौहार पुरे धूम धाम से मनाया जाता है। बैसाखी(Baisakhi) सिख समुदाय का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे पंजाब ,हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है। पंजाबी जहाँ जहाँ बसे हैं वहां पर बैसाखी(Baisakhi) का त्यौहार धूमधाम से मनाते हैं। बैसाखी(Baisakhi) त्यौहार को सिख समुदाय के नए साल की तरह भी मनाया जाता है।
बैसाखी(Baisakhi) त्योहार को मनाने के लिए सिख समुदाय के लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं और तरह-तरह के पकवान बनाते है। साथ ही नाचते-गाते हैं और आने वाले साल में समृद्धि और सुख की कामना करते हैं।
बैसाखी(Baisakhi) का महत्व
इस दिन को लोग बहुत ही हर्षोल्लास और जश्न के साथ मनाते हैं। सिख गुरुद्वारों में कीर्तन आदि करने जाते हैं। साथ ही कुछ लोग सड़कों पर निकाले जाने वाले जुलूसों में भाग लेते हैं। इसके अलावा गुरुद्वारों को सजाया जाता है और माथा टेकने के बाद कड़ा प्रसाद अपने प्रियजनों को दिया जाता है।
बैसाखी(Baisakhi) का पर्व क्यों मनाया जाता है ?
बैसाखी के पर्व को सिख नववर्ष के आगमन के रूप में मनाया जाता है। वैशाख माह तक रबी की फसल पक जाती हैं और उनकी कटाई शुरू कर दी जाती है। इसके बाद उस अनाज की पूजा कर ईश्वर को धन्यवाद दिया जाता है।
बैसाखी का शुभ मुहूर्त (Baisakhi Shubh Muhurat)
बैशाख मास की मेष संक्रांति 13 अप्रैल 2024, शनिवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में इस साल बैसाखी(Baisakhi) का पर्व 13 अप्रैल, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। वहीं इस दौरान बैसाखी संक्रान्ति का क्षण रात 09 बजकर 15 मिनट पर रहने वाला है।
बैसाखी(Baisakhi) का पर्व कैसे मनाया जाता है?
बैसाखी(Baisakhi) भारत के अन्य हिस्सों में और दुनिया भर के सिखों और हिंदुओं द्वारा बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है।
इस दिन की शुरुआत सिखों गुरुद्वारों में भजन और प्रार्थना के साथ होती है।
इस शुभ अवसर पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और गुरुद्वारे में माथा टेकने के लिए जाते हैं।
यह पर्व सड़कों पर जुलूस, गायन और नृत्य द्वारा भी चिह्नित किया जाता है।
इस दिन अपने उत्साह को जाहिर करने के लिए पुरुष भांगड़ा और महिलाएं गिद्दा करती हैं, जो पंजाब का पारंपरिक लोक नृत्य है।
इसके साथ ही लोग अपने-अपने घरों में सरसों का साग और मक्के की रोटी सहित अन्य स्वादिष्ट पंजाबी पकवान बनाते हैं।
बैसाखी(Baisakhi) में घरों में पकाये जाने वाले पकवान
बैसाखी(Baisakhi) का त्यौहार मना रहे हैं और खानपान न हो ऐसा हो ही नहीं सकता है। बैसाखी(Baisakhi) में घरों में पकाये जाने वाले पकवान ये हैं :
केसरी पुलाव
बैसाखी(Baisakhi) के दिन केसरी पुलाव यानी पीले चावल बनाए जाते हैं। घर आए मेहमानों को आप ये मीठे चावल सर्व कर सकते हैं। बता दें, कि बिना इनके बैसाखी का त्योहार अधूरा रहता है।
कढ़ा प्रसाद
कढ़ा प्रसाद भी इस दिन बनने वाले प्रमुख व्यंजनों में से एक है। धार्मिक आस्था से जुड़े होने के इसका गुरुद्वारों और घरों में इसका भोग भी लगाया जाता है, और प्रसाद के तौर पर सभी में बांटा जाता है।
मक्के की रोटी और सरसों का साग
बैसाखी(Baisakhi) पर मक्के की रोटी और सरसों का साग भी एक ट्रेडिशनल पंजाबी डिश है, जिसे बच्चों से लेकर बड़े तक, सभी चाव से खाते हैं। बैसाखी का मेन्यू इसके बिना अधूरा ही माना जाता है।
कढ़ी पकौड़ा
पंजाबियों के कढ़ी बनाने का स्टाइल सबसे अलग होता है, जो हर कोई पसंद करता है। बता दें, बैसाखी(Baisakhi) के मौके पर घरों में कढ़ी पकौड़े का लुत्फ भी उठाया जाता है। चावल या चपाती, दोनों के साथ इसका मजा लिया जा सकता है।
पिन्नी लड्डू
बैसाखी(Baisakhi) पर मेहमानों के स्वागत के लिए पिन्नी लड्डू भी एक बेस्ट ऑप्शन होता है। यह पंजाब में खाई जाने वाली प्रमुख मिठाइयों में से एक है। देसी घी की मदद से बनने वाले ये लड्डू खाते ही मुंह में घुल जाते हैं।
बैसाखी(Baisakhi) की शुभकामनाएं (Happy Baisakhi 2024 Wishes):
नच ले गाले सबके साथ,
आई है बैसाखी लेकर खुशियों की सौगात,
मस्ती में झूम और खीर पूड़े खा,
सिर पर सदा बना रहे वाहे गुरु का हाथ
चारों तरफ नई फसल की बहार है,
देखो आया बैसाखी का त्योहार है,
भंगड़ा, गिद्दा पाओ,
खुश होकर इस दिन का जश्न मनाओ
सुबह से शाम तक वाहे गुरु की कृपा
ऐसे ही गुजरे हर एक दिन
न कभी हो किसी से गिला-शिकवा
एक पल न गुजरे खुशियों बिन
वाहे गुरु का आशीष बना रहे सदा
बस यही कामना है हमारी
हर घर में बनी रहे खुशहाली
बैसाखी की हार्दिक शुभकामनाएं
सुनहरी धूप बरसात के बाद
थोड़ी सी खुशी हर बात के बाद
उसी तरह हो मुबारक आपको
बैसाखी की नई सुबह कल रात के बाद
आज है दिन खुशी मनाने का,
हो जाओ सब तैयार,
काट के फसल भोग गुरुद्वारे लगाने को,
सब को मुबारक हो किसान का त्यौहार!